यहापर आपको mussoorie me ghumne ki jagah मसूरी जाने का सबसे अच्छा समय,मसूरी का प्रसिद्ध भोजन,आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
मसूरी हिमालय पर्वत के श्रृंखला के बीच मे स्थित है|अपनी पाकृतिक दृश्यों और मनमोहक परस्थितियों और खुबसुरत वातावरण के कारण मसुरी को पहाडोंकि रानी के रूप मे जाना जाता है|
मसूरी भारत के युवाओंके लिए सपनोंके शहर जैसा है क्युंकि आज के युवा सरकारी नौकरी मे बडि दिलचस्पी रखते है|और उसी सरकारी नोकरी का मंदिर जहा जाने के लिए दिल्ली का पुरा मुखर्जीनगर/राजेंद्रनगर भरा पडा हुआ है|
लाखो युवाओंकी आस्था जिस जगह पर सालोंसे है वो जगह पहाडोंकि रानी मसूरी में स्थित है जिसे LBSNAA (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration ) के नाम से जाना जाता है|
Table Of Content
मसूरी कहाँ है
भारतीय परिक्षेत्र का सबसे जानामाना राज्य उत्तराखंड के देहरादून जिले मे स्थित एक हिल स्टेशन है पौराणिक कथामें यह क्षेत्र देवभूमी के रूप मे जानते थे|
कहा जाता है भारत का प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत ऋषी वेदव्यासजीने यहापर लिखा था|
राजधानी दिल्लीसे लगभग हरीव्दार के मार्गसे 325 किलोमीटर की दूरी पर है नैनीताल से 300 किलोमीटर दूर है और देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
मसूरी की स्थापना कब और किसने की थी
मसूरी कि स्थापना वैसे तो 1811 मे इसकी खोज मेजर हिमरसे ने में की थी |लेकिन ब्रिटिश सेना अधिकारी फ्रेडरिक यंग उन्होने 1820 मे मसूरी को पर्यटनस्थल के रुप मे विकसित करना प्रारंभ किया और यहापर गोरखा रेजिमेंट की स्थापना की और धीरे धीरे पर्यटनस्थल के साथ साथ व्यापार और शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया है |
मसूरी पर्वतीय पर्यटन स्थल उन स्थानों में से एक है जहाॅं छुट्टिया मनाने के लिए लोग बार-बार आते जाते हैं भारत मे घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में पहाडोंकि रानी मसूरी एक है।
मसूरी के बारे में रोचक तथ्य
भारत सबसे जादा पसंद करने वाले हिल स्टेशन मे से पांचवा हिल स्टेशन है जिसका प्राचीनतम नाम गन हिल था |
आझादी के पूर्व वर्षो मे मसूरी के इस पहाडी के ऊपर रखी गयी तोफ हररोज घंटोंके हिसाब से चलाई जाती थी इससे लोग समय का अनुमान लागते थे |
इसी कारण इस स्थान का नाम गन हिल पडा बाद मे यहापर बहुत अधिक मात्रा में उगने वाले मसूर के पेड़ को देखकर इस जगह का नाम अंग्रेजोने मसूरी रख दिया।
मसूरी को उत्तर भारतीय तीर्थ स्थल जैसे गंगोत्री – यमुनोत्री आदि का प्रवेशद्वार कहा जाताहै।
मसूरी पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वत श्रुंखला के मध्य हिमालय श्रेणी में आता है और यहासे उत्तर-पूर्व में हिम से भरे शिखर नजर आते हैं, दक्षिण में दून घाटी और शिवालिक पर्वत श्रेणी का अद्भुत नजारा देखणेको मिलता है
मसूरी की ऊंचाई और तापमान
मसूरी की ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी {6600 Ft) है,जिसका विस्तार 30°27’0″उत्तर/ 78°5’0″ पूर्व मे स्थित है मसूरी मे मौसम थंडा रहने का यहि एकमात्र है|
जानेवारी से लेकर दिसंबर तक का तापमान -1°C से 28°C तक रहता हर महीने पहाडोंकि रानी मसूरी का तापमान बदलता रहता है|इसी कारण गर्मियों मे लोग छुट्टिया मनाने के लिए घूमने के लिए यह जगह पसंद करते है |
मसूरी जाने का सबसे अच्छा समय
आप पहाडोंकि रानी मसूरी घूमने की योजना बना रहे हैं तो यहाके मौसम के बारे मे जानना बहुत जरूरी है|जितना आपको मसूरी प्राकृतिक सुंदरता और अद्भुत जलवायु के लिए प्रसिद्ध दिखता है | उतना हि मानसून के मौसम मे खतरनाक बन जाता है | क्युंकि वहापर मानसून के मौसम मे भूस्खलन का खतरा हो सकता है लेकिन आप धुवांधार और शांत पर्वत देखना पसंद करते हो तो {जुलाई से मध्य सितंबर} यह समय मसूरी जाने का अच्छा समय है|
मसूरी घूमने के लिए और प्राकृतिक सुंदरता और अद्भुत जलवायु का नजारा देखने सबसे अच्छा समय सर्दियोंमे {अक्टूबर से फरवरी} तक है इसी दौरान आप मसूरी घूमने के लिए जाने से आपको यहा कि ज़मीन चमकदार बर्फ से ढकी हुई दिखाई देगी | इसी दौरान तापमान शून्य के नीचे तक गिर सकता है अधिकांश लोग यह मौसम पसंद करते हैं | क्योंकि इसमें मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं जो साल के बाकी दिनों में उपलब्ध नहीं होते।
मसूरी मे पाकृतिक रुप से देखने के लिए अद्भुत एव्म सौंदर्यशील जो भारत के अन्य किसी क्षेत्र मे देखने के लिए नही मिलेगा ऐसा प्रकृती अपना रूप बना लेती है जो {मार्च से जून} गर्मियों के मौसम मे देखनेको मिलता है यहापर विषम दिन तापमान 28-38°C तक जाता है इन महीनोंमे प्राकृतिक सुंदरता और अद्भुत सूर्यास्त और सूर्योदय का भी आनंद ले सकते हो|
मसूरी कैसे पहुंचे
मसूरी जाने के लिए आप तीन विकल्पसे पहुंच सकते है | ट्रेन, सडक,और हवाई जहाज इनका आधार लेकर आप भारत के हर प्रमुख शहर से वहातक पहुंचने का प्रयास कर सकते हो आपको देहरादून से होकर ही मसूरी पहुंचना होगा|
बाइक और कार/बस से मसूरी कैसे पहुंचे
- सडक मार्ग व्दारा मसूरी जाने के लिए राजधानी दिल्ली से राजमार्ग NH44 और हरीव्दार से NH 34 से देहरादून जाना और वहासे मसूरी रोड का चयन करना जो सिधा आपको मसूरी तक लेकर जायेगा बससे जाने के भारत के किसी भी बडे शहर से आप देहरादून के लिए बस पकडकर वहासे टैक्सी/बससे मसुरी जा सकते हो
ट्रेन से मसूरी कैसे पहुंचे
- मसूरी तक ट्रेनसे जाने के लिए दो विकल्प है एक देहरादून जो मसूरी का निकटतम रेल्वे स्थानक है| भारत के दिल्ली, मुंबई और कलकत्ता इन बडे शहरोंसे देहरादून जाने के लिए नियमित ट्रेन है वो पकडकर आप देहरादून जाये देहरादून से मसूरी 35 किलोमीटर दूर है | देहरादून से आप बस या टैक्सी बुक कर के मसूरी आसानी से एक घंटे मे पहुंच सकते हैं।आप वैकल्पिक रूप से हरीव्दार रेल्वे स्थानक पर उतर सकते हो वहासे मसूरी जाने के बस पकड सकते है|
हवाई जहाज से मसूरी कैसे पहुंचे
- आप हवाई यात्रा का भी चयन कर सकते हैं, जिससे आप बहुत जल्द मसूरी तक पहुंच सकते हैं। हवाई यात्रा थोड़ी महंगी है।उत्तराखंड में मसूरी के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा तो जाॅंली ग्रांट हवाई अड्डा जो देहरादून में स्थित है, जहां से मसूरी 35 किलोमीटर की दूरी पर पड़ती है।आप वहासे टैक्सी बुक कर के मसूरी पहुंच सकते हैं।
मसूरी में घूमने के जगह Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah
यहापर मसुरी मे घूमने के लिए जितनी भी जगह है उनके बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी लिखी है आप पढकर सभी जगहोंकी विशेषता के बारे मे जान सकते है |
लाल टिब्बा
- मसूरी घूमने के लिए जा रहे हो तो Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah मे सबसे शानदार और लोकप्रिय पर्यटनस्थल जो मसूरीसे 5-7 किलोमीटर दूर लण्ढोर क्षेत्र स्थित है|
- यह जगह मसूरी के पर्यटनस्थलो मे से सबसे ऊंचा पर्यटनस्थल है जो 2275 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह लाल टिब्बा जहापर स्थित है उसी जगह को रेड हिल के नामसे जाना जाता है |
- मसूरी के लोकल भाषा मे लाल टिब्बा का अर्थ है लाल रंगों की पहाड़।जब सूर्यास्त होने लगता है,तो उसकी लाल किरणोंकी रोशनी इन पहाडोंपर गिरती है,पहाड लाल रंगों के बन जाते है |
- मसूरी के इस जगह से आप का अदभूत नजारा देख सकते हो
- इस जगह से बद्रीनाथ, केदारनाथ, बंदरपंच नंदादेवी शिखर और हिमालय पर्वतश्रेणी के चोटिया देखने के लिए 1967 मे वहापर जापानी दूरबीन है,उसी कारण लाल टिब्बा काफी मशहूर है |
- लाल टिब्बा तक पहुंचने के लिए टैक्सी/बस से जा सकते है लेकिन आप पैदल जाने का प्रयास करे क्युंकी लाल टिब्बा तक जांने के लिए ट्रेकिंग ट्रैक है यह ट्रेकिंग ट्रैक लगभग 2 किलोमीटर लंबा है आप घूमने के लिए गये हो तो इसी कारण ट्रेकिंग का मजा ले सकते हो
गन हिल
- गन हिल देखने के लिए आप पैदल या रोपवे कि सहाय्यता से जा सकते हो मसूरी मे गण हिल रोपवे के कारण बहोत प्रसिद्ध है |
- अगर आप रोपवे की सवारी करते हो तो बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों में सूरज को डूबते हुए दिखाई देता है|
- गण हिल 2025 मीटर ऊंचाई पर स्थित है गन हिल देखने के लिए जाने का सबसे उपयुक्त समय सूर्यास्त के कुछ देर पहले जाना चाहिए क्युंकि यहाँसे प्रकृति की अद्भुत, अनोखी सुंदरता देखने के लिए मिलती है |
- सूर्यास्त के समय आसमान में कई रंग का निर्माण होता है वहि नजारा यहापर आपको देखने के लिए मिलेगा |
सुरकुण्डा देवी मंदिर
- सुरकंडा देवी का मंदिर टिहरी के जौनुपर में 2750 मीटर की ऊंचाई पर सुरकुट पर्वत पर स्थित है।इस मंदिर और दंतकथा का उल्लेख स्कंद पुराण में मिलता है।
- पौराणिक कथानुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता राजा दक्ष ने कनखल में प्रारंभ यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देदी। भगवान शिव इस स्थान से सती का मृत शरीर कैलाश वापस ले गये जाते समय जिसका सिर इस सुरकुट पर्वत पर गिरा जहाँ सुरकंडा देवी मंदिर स्थित है।
- ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर यहाँ स्थानीय बहोत बडा मेला आयोजित होता है तब लाखौं धार्मिक तीर्थयात्री इस स्थान पर आते हैं।देवभूमि स्थित सुरकंडा देवी के इस मंदिर में एक बार जाने से सातजन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है ऐसा कहा जाता है।
क्लाउड एन्ड
- क्लाउड एन्ड यह जगह Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah मे से खुबसूरत जगह मे आती है अगर आपको बादलों को बेहद करीब से देखना है तो इस जगह पर जाकर करीब से बादलौंको देख सकते हो
- क्लाउड्स एंड जाने के लिए मसूरी के लाइब्रेरी चौक से 8 किलोमीटर दूर यह जगह स्थित है|
- क्लाउड्स एंड यह जगह कपल्स और नव विवाहित लोग बेहत पसंद करते है|
- क्लाउड्स एंड यह जगह पर1838 में ब्रिटिश मेजर स्वेटेनहैम ने एक बंगला बनवाया था जो मसूरी के बने पहले चार भवनों में से एक है। जो आज के दिन एक होटल के रूप मे बदल दिया है|
केम्प्टी जलप्रपात
- केम्प्टी जलप्रपात मसूरी से 15 किमी की दूरी पर स्थित है |केम्प्टी जलप्रपात समुद्रतल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है |
- इस झरने का नीचे गिरता हुआ जल पांच झरनों में विभाजित होता है |
- केम्प्टी जलप्रपात 1835 मे इस जगह को एक पर्यटनस्थल के रूप में ब्रिटिश अधिकारी जॉन मेकिनन द्वारा विकसित किया गया था।
हाथीपांव
- मसूरी के लाइब्रेरी चौक से हाथीपाँव 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
- मसूरी में एक दिन की यात्रा करना चाहते हो तो आप आसपास के पहाड़ों और घाटियों के शानदार दृश्यों के साथ सुंदर पैदल यात्रा की तलाश में हैं तो हाथीपांव यह एक बेहतरीन जगह है।
- हाथीपाँव के शीर्ष पर,आपको एक बड़ी चट्टान का निर्माण मिलेगा जो हाथी के सिर जैसा दिखता है।
- यहीं से हाथीपांव नाम पडा ऐसा कहा जाता है । उपर पर भगवान शिव को समर्पित एक छोटा मंदिर भी है।
देवलसारी
- देवलसारी यह जगह जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है| उत्तराखंड के टिहरी जिले मे देवदार का विशाल और घना जंगल है|
- देवलसारी मे भगवान भोलेनाथ (महादेव) का मंदिर है जो लगबग 200 साल पुराना है| उसिका एक अनोखा चमत्कार देखने को मिलता है। इस मंदिर के शिवलिंग पर किया जलाभिषेक का जल लुप्त हो जाता है कहा जाता है आज तक कुछ पता नहि है |
- दुनिया के सभी शिवमंदिरोंकि पूजा-अर्चा जलाभिषेक होने के बाद विधानकेनुसार जलेरी को लांघा नहीं जाता है इसलिए सभी जगह पर आधी परिक्रमा करते है लेकिन यह दुनिया का पहला ऐसा शिवमंदिर जिसकी पुरी परीक्रमा करते है|
- यहा कि नैसर्गिक सौंदर्यता अद्भुत है | इस घने जंगल की विशेषतः ऐसी है इस जगह पर गर्मियों में भी मौसम ठंडा रहता है। जिसके कारण पर्यटनस्थल पर लोंगोंकि भीड होती है|देवलसारी जंगल में करीब 200 सौ प्रजाति की तितलियां और 150 सौ प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं।
- देवलसारी जंगल मे अनगिनत पौधे है और ज्यादातर यहा के पौधे तितलियों के लिए अनुकूल है। उन्ह पौधो पर बैठकर तितलियां रस ग्रहण करती हैं,इसी कारण यहां पर विभिन्न प्रजातीकि तितलियां पाई जाती है। जो आज के समय मे यहा के तितलियां लुप्त हो रहि है उन्हीके बचाव मे भारत सरकारने पर्यावरण संरक्षण एवं विकास संस्थान कि मदत से यहापर 2018 मे तितली महोत्सव करना आरंभ किया है।
झरीपानी जलप्रपात
- यह झरणा झरीपानी गाव मे जो मसूरी से दूर 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| झरने तक पहुंचने के लिए 1.5 किलोमीटर का ट्रैक है|
- झरीपानी झरना मे से गिरणेवाला पानी बहोत साफ है और आसपासके पाकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है
दलाई हिल्स
- यह Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah मे से बेहद शांत और खूबसूरत जगहोंमे से एक जगह है।दलाई हिल्स कई तिब्बती प्रार्थना झंडों और भगवान बुद्ध की मूर्ति के लिए जाना जाता है|
- जो शेडुप चोफेलिंग मंदिर से 400 मीटर की दूरी पर और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के ऊपर हैप्पी वैली के पास है|
- दलाई हिल्स से गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला का बेहद खुबसूरत दृश्य दिखाई देता है।यहां पर एक बौद्ध मंदिर भी है। सुर्यास्त के समय दलाई हिल्स पर पाकृतिक नजारा देखना लोग बेहद पसंद करते है| अगर आप ट्रॅकिंग कै शौकीन है तो मसूरी मे इस जगह पर जाकर आप मजा ले सकते हो |
मॉस्सी जलप्रपात
- मॉस्सी फॉल्स मसूरी शहर से 7 किलोमीटर के दूरी पर स्थित है | प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। मॉस्सी फॉल्स तक पहुंचना है तो उसके लिए जंगलों से गुजरना पड़ता है।
सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस
- सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस लोकप्रिय घर है जहां से सर जॉर्ज एवरेस्ट ने ब्रिटिशों को माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने में मदद की थी।
भट्टा जलप्रपात
- मसूरी के पास हाल ही में विकसित एक पर्यटन स्थल है। जो मसूरी शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
कंपनी गार्डन
- मसूरी मे सबसे पुराना गार्डन यह कंपनी गार्डन है जो मसूरी शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है |
- इस गार्डन मे आपको अलग-अलग जाती की वनस्पतीयाॅं देखने के लिए मिलेंगी
मसूरी झील
- मसूरी झील यह एक मानवनिर्मित झील है जो मसूरी के पहले 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है |
क्राइस्ट चर्च
- हिमालय क्षेत्र का सबसे पुराना चर्च मसूरी का क्राइस्ट चर्च जो 1835 में अंग्रेजों के एक समुदायने बनवाया था |जो माल के करीब स्थित है|
ज्वालाजी मंदिर
- मसूरी शहर से लगभग 8 किमी बेनोग हिल की चोटी पर 2,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है |बिनोंग पहाड़ी की चोटी पर स्थित है |
- इस धार्मिक स्थान पर सदियो पुरानी हिंदू देवी भगवती दुर्गा की प्राचीन मूर्ति है। श्री ज्वाला देवी को जोत हिमाचल प्रदेश से ला कर पदयात्रा द्वारा यह जोत बिनोग हिल में 5 जुलाई 1971 को भूमि पूजन करवाने के बाद स्थापित की गयी।
- सन् 1974 में बिनोंग हिल में” शिवरात्री के मैले ” का आयोजन किया गया। इसके बाद प्रत्येक वर्ष माह अक्टूबर में दिनांक 30एवं 31 को मेला लगाया जाता है|
मसूरी में खरीदारी के लिए बेस्ट जगह
मॉल रोड
- मसूरी के मॉल रोड की शॉपिंग के बिना इस हिल स्टेशन की यात्रा अधूरी है |
- Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah में सबसे भीड़भाड़ वाला और गुलजार जगह अगर कौनसी जगह होगी तो ये मॉल रोड जगह है मसूरी मे खरीदारी के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान यहीं है।
- यहापर आपको स्मृतिचिह्न हाथ से बुने हुए शॉल,स्थानीय हस्तशिल्प,लकड़ी के सामान,मिट्टी के बर्तन ऐसी बहोत सारी चिजे आपको यहांपर मिल सकते है।
कुलरी बाजार
- मसूरी में खरीदारी के लिए कुलरी बाज़ार एक प्रसिद्ध बाजार है जो फैशनेबल कपडों,कलाकृतियों,हस्तशिल्प, स्टाइलिश जूते, चांदी के गहने की खरीदारी के लिए जाना जाता है| यहाके केक और मिष्ठान्न बेहद अच्छे है |
- पर्यटक ज्यादातर स्वादिष्ट भारतीय और यूरोपीय व्यंजन खाने के लिए और खरीदारी करने यहा आते है |
तिब्बती बाजार
- उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्र से यहापर दुकानदार खरीदारी के लिए आते है क्युंकि यहापर तिब्बतीयों के जो कपडे होते है उन्हे अधिक मात्रा मे बेचे जाते है |
- उसके साथ-साथ उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्र बनाया गया खाना खाने के लिए पर्यटक यहापर आते है| आप भी जाकर उन्ही चिजोंका मजा ले सकते हो |
लाइब्रेरी बाज़ार
- मसूरी मे लाइब्रेरी बाज़ार को गांधी चौक के नाम से जाना जाता है |इस बाजार मे महात्मा गांधीजी इनकी प्रतिमा है |
- इसलिए ये बाजार को लोग गांधी चौक के नाम से भी जानते है। लाइब्रेरी बाज़ार मे चीनी फूलदान,लकड़ी के सामान और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली बहुत सारी दुकान है |
क्लासिक एम्पोरियम
- मसूरी के मॉल रोड के नजदिक क्लासिक एम्पोरियम एक दुकान है जो चीनी मिट्टी की मूर्तियां,तिब्बती मूर्तियां,हस्तनिर्मित लैंपशेड और विशेष रूप से कटे हुए आभूषण बेचती है।
- चालीस साल पहले इस दुकान को शुरू किया था जो आज मसूरी के सबसे लोकप्रिय शॉपिंग स्थानों में से है।
हिमालयीन बुनकर
- मसूरी के धनोल्टी रोड के पास मे स्थित ये हिमालयन वीवर्स एक दुकान है,जो हिमालयीन क्षेत्र के देशी उत्पादों को बढ़ावा देना के लिए 2005 मे शुरू कि है। इस दुकान पर आपको स्कार्फ, पश्मीना शॉल और स्वेटर मिलेंगे |
मसूरी के प्रसिद्ध भोजन
- आप किसी जहग घूमने के लिए जाते हो तो वहाके जो प्रसिद्ध व्यंजन है उन्हे खाने का प्रयास करे क्युंकि कुछ व्यंजन ऐसे होती है जो सिर्फ वहापर मिलते है जो आपकि यात्रा को यादगार बना देते है |
- मसूरी जितना अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है,उतना ही मसूरी अपने खाने के अलग- अलग व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है।हम आपको मसूरी के सभी प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में बताने जा रहे हैं|
मोमोज
मोमोज यह एक तिब्बती समुदाय द्वारा विकसित किये जाने वाला स्वादिष्ट व्यंजन है जो मुंबई के वडापाव जैसा मसूरी के हर जगह फूड स्टॉल पर बैचे जाते है|मोमोज काफी स्वादिष्ट व्यंजन है। शाकाहारी और मांसाहारी कोई भी खा सकता है|जो पत्तागोभी, गाजर मसालों को मैदे के आटे में भरा जाता है।और बादमे मोमोज को स्टीम किया जाता है|जिसे परोसने के लिए तीखी चटनी का इस्तमाल करते है |
फानू
फानू जो एक पहाड़ी व्यंजन है,यह उत्तराखंड के कुमाऊं हिमालय में खाया जाने वाला व्यंजन है |आमतौर पर सर्दियों मे खाने के लिए यह प्रसिद्ध है| यह व्यंजन दाल से बनाया जाता है गहत दाल,मूंग दाल और कुलथी की दाल से बनाया जाता है|
गढ़वाल का फन्नाह
गढ़वाल का फन्ना मसूरी में सबसे स्वादिष्ट और लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है। इसे बनाने के लिए कुलथी के दाल से बनाया जाता है | यह व्यंजन पकाने के लिए भूरे रंग की ग्रेवी का इस्तेमाल किया जाता है यह चावल के साथ स्वादिष्ट लगता है अगर आपको राजमा चावल पसंद है, तो आप गढ़वाल का फन्नाह भी पसंद करेंगे.
काफुली
मसूरी मे घूमने जाने के समय पर इस व्यंजन कि विशेषतः निर्भर करती है | अगर आप सर्दियों के मौसम मे मसूरी घूमने के लिए जाते हो तब यह व्यंजन परोसनेसे आपको बेहतरीन स्वाद प्राप्त होगा | यह पालक की सब्जी है जिसे पालक और लाई के मिश्रण से बनाया जाता है.
आलू के गुटके
व्यंजनोंमे आलू का स्थान सबसे उपर रहा है और यह उबले हुए पहाड़ी आलू और सबसे कम मसालों से बना एक लोकप्रिय नाश्ता है. इस स्वादिष्ट व्यंजन को दाल, चावल के साथ खाकर एक बेहतरीन स्वाद का आनंद लें सकते हो
भांग की चटनी
नामसे आपको ऐसा लगेगा कि ये एक नशे से भरा व्यंजन है लेकिन वास्तव में भांग के साथ नहीं बनाई जाती है| यहापर हर घर में भांग की चटनी एक आम चटनी है,जो साइड डिश के रूप में परोसा जाता है जो भोजन में एक ताज़ा सुगंध और स्वादिष्ट स्वाद जोड़ने के लिए इस्तेमाल करते है|
थेचवानी
मसूरी का स्थानीय भोजन के यादी मे सबसे उपर थेचवानी का नाम आता है क्योंकि जातात वहापर कुमाऊंनी के लोग रहते हैं तो यह डिश उबले हुए आलू या मूली,अदरक और लहसुन के पेस्ट के साथ मिलकर सब्जी की तरह बनाई जाती है इस व्यंजन को आप चावल के साथ खा सकते हो |
मसूरी मे और भी बहोत सारे व्यंजन है जो स्वादिष्ट लोकप्रिय और खूबसूरत है इनमेसे लोग जादातर उपर दिये गये सभी व्यंजनोंको बेहद पसंद करते है उनके साथ-साथ चेनसू भात,झंगोरे की खीर,बाल मिठाई,गहत दाल के व्यंजन ये सभी व्यंजन भी पर्यटक बेहद पसंद करते है
मसूरी में रहने की ब्यवस्था
- मसूरी मे कुछ दिन के लिए रहना है तो आप होटल,होम स्टे,अपार्टमेंट,किरायेपर रीसार्टस इसमे किसी एक का चुनाव कर सकते है | और आपके बजट के हिसाब से ठहरने का सोच सकते है |
- आप अगर मसूरी के माल रोड , गांधी चौक और लंढोर बाजार यहापर रूक जाते है | तो आपको यहां पर रहनेकी और खाने-पीने की काफी अच्छी सुविधा उपलब्ध होती है|
- यहापर आपको मसूरी मे घूमने के लिए बाइक या कार भी रेंट पर मिल जाती है।
मसूरी घूमने का खर्चा
- मसूरी घूमना है तो आपके एक दिन का खर्चा 2500 रुपये,उसमे (बोटिंग और रोपवे सहित)5000 तक आयेगा और 4 तीन अगर आप मसूरी घूमना चाहते होते तो 10000 रुपये लगेंगे.आपके बजट के अनुसार होटल या किरायेपर रीसार्टस में रुक सकते है.
FAQ (मसूरी के बारे में पूछे जाने बाले प्रश्न)
मसूरी क्यों प्रसिद्ध है?
मसूरी हिल स्टेशन,मंदिर,झील,झरने,पाकृतिक सौंदर्याता और लोगों को गर्मियों में छुट्टिया मनाने के लिए प्रसिद्ध बहोत प्रसिद्ध है |
मसूरी को पहाड़ियों की रानी क्यों कहा जाता है?
अपनी पाकृतिक दृश्यों और मनमोहक परस्थितियों और खुबसुरत वातावरण के कारण मसुरी को पहाडोंकि रानी के रूप मे जाना जाता है|
मसूरी घूमने के लिए कितना पैसा चाहिए?
मसूरी घूमने के लिए आप दिन का कितना खर्चा करते हो इसके उपर है | वैसे तो 3 दिन का खर्चा एक व्यक्ति के लिए लगभग 8 से 10 हजार के बीच हो सकता है।
मसूरी में बर्फबारी कब होती है ?
जब आप मसूरी घूमने के लिए u003cstrongu003eअक्टूबर से फरवरी मेंu003c/strongu003e जाते हो तो उत्तराखंड के बहोत सारी जगह चमकदार बर्फ से ढकी हुई दिखाई देगी |यह नजारा देखने के लिए लोग मसूरी जाते है |
मसूरी में कैसे कपड़े पहने?
आप मसूरी मे घूमने के लिए कौनसे मौसम मे घूमने के लिए जाते हो उसके हिसाब से कपडे पहनने के लिए ले जाना अगर आप सर्दियों के मौसम मे मसूरी घूमने के लिए जाते हो तो आपको पैकिंग करते वक्त हमेशा गरम कपडे साथ मे लेना चाहिए
निष्कर्ष
- इस पुरे लेख में मसूरी में घूमने की जगह (Mussoorie Me Ghumne Ki Jagah) मसूरी कहाँ है,मसूरी की स्थापना कब और किसने की थी,मसूरी के बारे में रोचक तथ्य,मसूरी की ऊंचाई और तापमान,मसूरी जाने का सबसे अच्छा समय,मसूरी में खरीदारी के लिए बेस्ट जगह,मसूरी का प्रसिद्ध भोजन,मसूरी में रहने की क्या ब्यवस्था है, मसूरी घूमने का खर्चा आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की है।
- हम उम्मीद से कहेंगे यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।